हमास चीफ़ इस्माइल हानिया कैसे मारा गया?

आपको याद होगा पिछले साल अक्टूबर के महीने में इज़राइल और हमास की जंग शुरू हुई थी, जिसमें पहले हमास ने इज़राइल पर कई सारे रॉकेट के द्वारा हमला किया था और फिर इज़राइल ने हमले का करारा जवाब दिया था.…

दरअसल बात ये है की, हमास चीफ़ इस्माइल हानिया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में गया था और इनको ईरान की राजधानी तेहरान की एक बिल्डिंग में विशेष और कड़ी सुरक्षा में रखा गया था इसके बाद भी इज़राइल के रॉकेट ने पूरी बिल्डिंग समेत हानिया को भी ख़त्म कर दिया। हानिया के साथ इज़राइल ने हमास के कई बड़े नेताओं को भी ख़त्म कर दिया जिसके कारण पूरे मिडिल ईस्ट में युद्ध की आग लगी है और ईरान का कहना है वो हमास के नेताओं की हुई दर्दनाक हत्या का बदला ज़रूर लेगा। तेहरान में कड़ी सुरक्षा के बाद भी इस अटैक से साफ़ है की इज़राइल कितना ताक़तवर है और उससे भिड़ना इतना आसान नहीं है।

इज़राइल के इस अटैक से न केवल मिडिल ईस्ट में युद्ध की आशंका है बल्कि इसकी लपट दिल्ली सहित दुनिया पर भी आ सकती है हालाँकि इज़राइल ने अभी तक इस अटैक पर कोई ऑफिसियल स्टेटमेंट नहीं दिया है। रुस ने इस अटैक की कड़े वर्ड्स में निंदा की है और भारत ने अभी तक कोई कमेंट नहीं किया है।

हमास चीफ़ इस्माइल हानिया का तेहरान, जो की ईरान की राजधानी है, पर मारा जाना इस बात का सूचक है की हमास विचारधारा अब ईरान में भी सुरक्षित नहीं है। इसी साल अप्रैल के महीने में इज़राइल ने ईरान पर अटैक किया था जिसके बदले में ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत इज़राइल पर काउंटर अटैक किया था।

कौन था इस्माइल हानिया?

इस्माइल हानिया का जन्म 29 जनवरी 1962 में गाजा में हुआ था। गाजा जिसे गाजा शहर भी कहा जाता है। 2023 में इज़राइल-हमास युद्ध के पहले , 2017 में 590,400 अवादी के साथ यह फ़िलिस्तीन राज्य का सबसे अवादी वाला शहर हुआ करता था। इस्माइल हानिया का पालन पोषण शरणार्थी शिविर में हुआ और उसने फ़िलिस्तीनियों की परेशानियों को देखा और समझा, जिसके कारण उसके मन में कट्टरता भर गई। इस्माइल हानिया ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी भाषा में डिग्री हासिल किया।इस्माइल हानिया को अमेरिका ने 2018 में आतंकवादी घोषित कर दिया था।

जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इज़राइल पर हमला किया था तो उसने लगभग 1200 इज़राइल नागरिक मारे गये थे और लगभग 250 को बंदी बना लिया गया था तभी से इस्माइल हानिया इज़राइल डिफेंस फ़ोर्सेज़ की लिस्ट में मोस्ट वांटेड था।

Kolkata City From Sky

भारत पर क्या असर हो सकता है?

भारत सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन अगर ईरान और इज़राइल में दोबारा युद्ध होता है तो इसका असर मिडिल ईस्ट देशों पर भी पड़ेगा अब चूँकि मिडिल ईस्ट में लगभग 90 लाख भारतीय नागरिक रहते है तो उनको सुरक्षित करने में भारत का भी इस युद्ध में इन्वॉल्वमेंट हो सकता है। भारत इन इलाक़ों से तेल का आयात करता है हालाँकि भारत रुस से ज़्यादा मात्रा में कच्चा तेल लेता है लेकिन कहीं न कहीं भारत इन इलाक़ों में भी कच्चे तेल के आयात में अपनी पकड़ बनाये रखना चाहता है। इसलिए अगर युद्ध होता है तो भारत में तेल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है।तेल की सप्लाई का भी भारत पर असर पड़ेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *